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"ख़रामे-नाज़ वालों के दबे पांवों की आहट हूं ! हसीनों के लबों पर चोट खायी मुस्कुराहट हूं!! हूं मैं जोशे-मुहब्बत जिसे नफ़रत भी है प्यारी ...